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लॉरेंस बिश्नोई की बढ़ी मुश्किलें: मोहाली में एक और केस दर्ज, फर्जी पासपोर्ट से भाई को विदेश भेजने का आरोप

लॉरेंस बिश्नोई की बढ़ीं मुश्किलें: मोहाली में एक और केस दर्ज, फर्जी पासपोर्ट से भाई को विदेश भेजने का आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मोहाली (पंजाब) Published by: ajay kumar Updated Mon, 22 Aug 2022 12:49 AM IST
सार

पुलिस सूत्रों के मुताबिक केस में जिस ट्रैवल एजेंट ने पासपोर्ट बनाने में मदद की है, उसे भी इस नामजद किया गया है। इसके साथ ही अब लॉरेंस को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, आरोपी को कड़ी सुरक्षा में खरड़ स्थित सीआईए स्टाफ की इमारत में रखा गया है। जहां पर सुरक्षा पहरा काफी मजबूत है।

गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई
गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई - फोटो : फाइल

विस्तार

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाल की हत्या मामले में गिरफ्तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आरोप है कि उसने अपने रसूख का इस्तेमाल कर फर्जी पासपोर्ट बनाकर छोटे भाई को विदेश भेजा है। स्टेट क्राइम ब्रांच ने मोहाली में लॉरेंस और उसके भाई अनमोल समेत 10 लोगों पर धारा 384, 466, 467, 468, 471, 120 बी व पासपोर्ट एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। 



अदालत ने आरोपी को 29 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उम्मीद है कि इस केस के अन्य आरोपी भी जल्दी ही पकड़ में आएंगे। जानकारी के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई पर अपने भाई अनमोल बिश्नोई को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए सिद्धू मूसेवाला की हत्या से कुछ दिन पहले ही फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भेजने का आरोप है। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक केस में जिस ट्रैवल एजेंट ने पासपोर्ट बनाने में मदद की है, उसे भी इस नामजद किया गया है। इसके साथ ही अब लॉरेंस को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, आरोपी को कड़ी सुरक्षा में खरड़ स्थित सीआईए स्टाफ की इमारत में रखा गया है। जहां पर सुरक्षा पहरा काफी मजबूत है। जिला पुलिस के अलावा स्पेशल दस्ते वहां पर तैनात किया गया। 

इसके अलावा मजबूत बैरिकेडिंग की गई है। वहीं, पंजाब पुलिस के सीनियर अफसरों ने लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ भी की है। हालांकि सूत्रों के अनुसार पासपोर्ट बनाने में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है, क्योंकि पासपोर्ट का सत्यापन पुलिस करती है। याद रहे कि जब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद मानसा पुलिस लॉरेंस बिश्नोई को रिमांड पर लेकर आई तो भी अदालत में पेश करने के बाद उससे करीब 15 दिनों तक सीआईए खरड़ में ही पूछताछ की गई थी। यह इमारत अंग्रेजों के जमाने की है। आतंकवाद के समय भी इसी इमारत में आतंकियों से पुलिस पूछताछ करती थी।

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