Rohingyas: रोहिंग्याओं की वापसी के लिए बांग्लादेश ने चीन से मांगा सहयोग, शरणार्थियों को लौटाने की कोशिशें जारी
एजेंसी, ढाका।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 09 Aug 2022 01:17 AM IST
सार
चीन ने म्यांमार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल नवंबर 2017 के समझौते के लिए किया था। यह अगस्त 2017 में म्यांमार में उत्पीड़न के चलते देश छोड़ने वाले करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को बांग्लादेश से वापस करने से संबंधित है।
विस्तार
बांग्लादेश ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान उनसे रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यांमार वापसी में मदद का अनुरोध किया है। जबकि वांग यी ने यहां बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहतर व्यापार संबंधों, निवेश और समर्थन का वादा किया है।
चीन ने म्यांमार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल नवंबर 2017 के समझौते के लिए किया था। यह अगस्त 2017 में म्यांमार में उत्पीड़न के चलते देश छोड़ने वाले करीब 7,00,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को बांग्लादेश से वापस करने से संबंधित है। शरणार्थियों को कई बार लौटाने की कोशिशों के बावजूद उन्होंने म्यांमार में खतरे का हवाला देते हुए वापसी से इनकार कर दिया है।
उनका दावा है कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं। बांग्लादेश के विदेश मामलों से जुड़े मंत्री शहरयार आलम ने बताया कि यी के यहां से रवाना होने से पूर्व उन्होंने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। यी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना तथा विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन से भी मुलाकात की।
बांग्लादेश में चीन सक्रिय
बांग्लादेश में चीन की 500 से अधिक टुकड़ियां सक्रिय हैं। चीन यहां की सभी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में संलिप्त है और 3.6 अरब डॉलर की लागत से पद्मा नदी पर सबसे बड़ा पुल बनाने में भी उसने मदद की है। बांग्लादेश ने चीन के 'एक चीन सिद्धांत' का भी समर्थन किया है।
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