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Salman Rushdie: हमले की दुनियाभर में निंदा, वैश्विक नेताओं ने कहा- सलमान रुश्दी पर हमला क्रूर और बर्बर

Salman Rushdie: हमले की दुनियाभर में निंदा, वैश्विक नेताओं ने कहा- सलमान रुश्दी पर हमला क्रूर और बर्बर

एजेंसी, वाशिंगटन/लंदन। Published by: देव कश्यप Updated Sun, 14 Aug 2022 01:31 AM IST
सार

मुंबई में जन्मे और ‘द सैटेनिक वर्सेस’ लिखकर कई वर्षों तक इस्लामी कट्टरपंथियों की मौत की धमकियों का सामना करने वाले रुश्दी ने 2001 में सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा सुरक्षा होने की शिकायत की थी। सलमान रुश्दी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमले करने वाला 24 वर्षीय संदिग्ध हादी मतार लेबनान का रहने वाला है।

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी।
भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी। - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हुए हमले की दुनियाभर में निंदा की जा रही है। व्हाइट हाउस ने रुश्दी पर हुए हमले को भयावह करार दिया। राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस प्रशासन ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उधर, ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन व गृह मंत्री प्रीति पटेल ने घटना की निंदा की। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री और फिलहाल पीएम पद के दावेदार ऋषि सुनक ने कहा कि मैं हमले की खबर से स्तब्ध हूं। दूसरी दावेदार लिज ट्रस ने हमले को शर्मनाक बताया। अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने कहा, हम उन लोगों के शुक्रगुजार हैं, जो तेजी से मदद के लिए सामने आए।



अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान में कहा कि "जिल बाइडन और मैं न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हुए शातिर हमले के बारे में जानकर हैरान और दुखी हैं। हम, सभी अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के साथ उनके स्वास्थ्य और जल्द ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।"


फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैकों ने ट्वीट कर कहा, रुश्दी आजादी और रूढ़िवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनकी लड़ाई हमारी लड़ाई है। अब पहले भी कहीं ज्यादा हम उनके साथ खड़े हैं। वह कायराना और बर्बर हमले का निशाना बने हैं। यह जंग दुनिया में किसी एक स्थान पर नहीं, बल्कि वैश्विक है।

विश्व निकाय संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, राय जाहिर करने और अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करते हुए बोले या लिखे गए शब्दों की प्रतिक्रिया में हिंसा किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। उन्होंने कहा, मैं इस घटना से ‘स्तब्ध’ हूं।

विदेश मंत्री जयशंकर बोले, पूरी दुनिया ने देखा कि क्या हुआ
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सलमान रुश्दी पर हमले के संबंध में पूछे जाने पर कहा, पूरी दुनिया ने इस वारदात का नोटिस लिया है और इस पर प्रतिक्रिया दी जा रही है। मैंने भी इस बारे में पढ़ा है। 

रुश्दी पर हमले से स्तब्ध हूं: थरूर 
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका में हुए हमले को लेकर शनिवार को कहा, मैं इस घटना से स्तब्ध हूं। उन्होंने ट्वीट किया, सलमान रुश्दी को चाकू मारे जाने की घटना से स्तब्ध हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं यह जरूर मानता हूं कि शायद उनके लिए जीवन अब पहले की तरह सामान्य न हो।

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने सलमान रुश्दी पर हमला किया था। रुश्दी बुरी तरह घायल हुए थे और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर रखा गया है। उनकी एक आंख खोने की आशंका है। ‘चाकू से हमले’ के बाद उनका यकृत (लिवर) भी क्षतिग्रस्त हो गया है। 

कंगना ने हमलावर जिहादी बताते हुए की निंदा
अभिनेत्री कंगना रणौत ने रुश्दी पर हमले की निंदा करते हु हमलावर को जिहादी बताया। कंगना ने ट्वीट किया, एक और दिन जिहादियों द्वारा एक और भयावह हरकत। मैं शब्दों से परे हूं, पूरी तरह हिल गई हूं। 

सोलन में रुश्दी के घर पर सन्नाटा
सलमान रुश्दी के सोलन में शिल्ली रोड पर अपना बंगला (अनीश विला) है। रुश्दी के इस घर पर इस वक्त सन्नाटा है। यहां रुश्दी आखिरी बार वर्ष 2002 में आए थे। वह केयर टेकर गोविंद राम से कह गए थे कि बंगले की देखभाल करते रहना। इसकी मरम्मत के लिए समय-समय पर पैसा भेजता रहूंगा, मगर 2015 के बाद न तो मरम्मत के लिए कोई पैसा आया और न ही गोविंद का वेतन। गोविंद की पत्नी व्यासो देवी ने बताया कि रुश्दी ने सोलन से जाने के बाद न तो फोन किया और न ही उनका कोई रिश्तेदार यहां आया। उनका परिवार अब मजदूरी करके खर्च चला रहा है।

आसपास बहुत अधिक सुरक्षा से थी शिकायत
साहित्यिक मंच पर हुए हमले से पहले सलमान रुश्दी ने अपने आसपास बहुत अधिक सुरक्षा होने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। मुंबई में जन्मे और ‘द सैटेनिक वर्सेस’ लिखकर कई वर्षों तक इस्लामी कट्टरपंथियों की मौत की धमकियों का सामना करने वाले रुश्दी ने 2001 में सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा सुरक्षा होने की शिकायत की थी।

वारदात पर यकीन नहीं हुआ : चश्मदीद पत्रकार
अमेरिकी पत्रकार जोशुआ गुडमैन परिवार समेत छुट्टी मनाने पश्चिमी न्यूयॉर्क स्थित चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन आए थे। मियामी स्थित लैटिन अमेरिका के लिए ‘एसोसिएटेड प्रेस’ संवाददाता ने अपने मोबाइल से तस्वीरें लीं और संस्थान को हमले के वीडियो भेजे। उन्होंने कहा, मैंने जब तक मंच पर खून नहीं देखा, मुझे वारदात पर यकीन ही नहीं हुआ।

लेबनान मूल के 24 वर्षीय हदी मतार ने किया हमला
अमेरिका में भारतीय मूल के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमले करने वाला 24 वर्षीय संदिग्ध हादी मतार लेबनान का रहने वाला है उसकी सहानुभूति ‘शिया चरमपंथियों’ और ईरान के इस्लामी रिवोल्यूशरी गार्ड कोर के प्रति है। फिलहाल वह अमेरिका में न्यूजर्सी में रह रहा है। मीडिया में आई खबरों में यह दावा किया गया है। पुलिस उससे रुश्दी पर हमले का कारण पूछने में लगी है।

मुसलमानों के तुष्टीकरण नहीं, कानून व्यवस्था के लिए ‘सैटेनिक वर्सेस’ पर लगाई थी रोक : नटवर सिंह
देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह का कहना है कि सलमान रुश्दी की पुस्तक सैटेनिक वर्सेस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1988 में भारत ने प्रतिबंधित किया था। उन्होंने शनिवार को कहा कि मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए इसे प्रतिबंधित करने की बात सही नहीं है।

न्यूयॉर्क में रुश्दी पर हुए हमले के बाद फिर से फोकस में आई इस पुस्तक के बारे में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार में विदेश राज्यमंत्री रहे नटवर सिंह ने बताया, ‘इसे लेकर मुसलमानों में गुस्सा था। खासतौर पर कश्मीर में। मुसलमान इसे अल्लाह की निंदा करने वाला मान रहे थे। 91 साल के नटवर सिंह ने मुसलमानों के तुष्टीकरण की बात से इनकार किया। उन्होंने बताया, राजीव गांधी ने मुझसे पूछा कि क्या करना चाहिए? मैंने कहा, मैंने अपने पूरे जीवन में किताबों पर प्रतिबंध का विरोध किया है, लेकिन कानून व्यवस्था की बात हो, तो रुश्दी जैसे महान लेखक की पुस्तक को भी प्रतिबंधित कर देना चाहिए।


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