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UIDAI: यूआईडीएआई ने अप्रैल से जुलाई के बीच बाल आधार पहल के तहत 79 लाख से अधिक बच्चों का किया पंजीकरण

UIDAI: यूआईडीएआई ने अप्रैल से जुलाई के बीच बाल आधार पहल के तहत 79 लाख से अधिक बच्चों का किया पंजीकरण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Tue, 16 Aug 2022 12:20 AM IST
सार

यूआईडीएआईए (UIDAI) के आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इस वित्तवर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल से जुलाई के बीच) में पांच साल तक के 79 लाख से अधिक बच्चों का पंजीकरण किया है। 

Baal Aadhaar
Baal Aadhaar - फोटो : pmmodiyojana.in

विस्तार

आधार के संरक्षक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआईए) ने इस साल एक नया कृतिमान रचा है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान बताया गया कि यूआईडीएआईए ने इस साल अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान पांच साल से कम उम्र के 79 लाख से अधिक बच्चों का पंजीकरण किया है।  बयान के मुताबिक यह पंजीकरण पांच साल तक के बच्चों का बाल आधार बनवाने और अभिभावकों व बच्चों को कई लाभ प्राप्त करने में मदद की नई पहल के तहत हुआ है।

यूआईडीएआईए का आधिकारिक बयान
यूआईडीएआईए के आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इस वित्तवर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल से जुलाई के बीच) में पांच साल तक के 79 लाख से अधिक बच्चों का पंजीकरण किया है।’’ बयान में कहा गया कि 31 मार्च 2022 तक पांच साल उम्र तक के 2.64 करोड़ बच्चों के पास बाल आधार था, जो बढ़कर जुलाई के अंत में 3.43 करोड़ हो गया।


यूआईडीएआई ने बताया, ‘‘हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पहले ही पांच साल उम्र तक के 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों का पंजीकरण हो चुका है। वहीं जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस दिशा में बहुत बेहतर काम हुआ है।’’ बयान के मुताबिक देश में करीब 94 प्रतिशत लोगों का आधार बन चुका है जबकि वयस्को में यह दर 100 प्रतिशत है।

आधार जारी करने का तरीका
आधार जारी करने में बायोमेट्रिक (उंगलियों के निशान और आइरिस) डाटा संग्रह एक प्रमुख विशेषता है क्योंकि इसकी विशिष्टता स्थापित करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। हालांकि, 0-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के आधार पंजीकरण के लिए ये बायोमेट्रिक्स एकत्र नहीं किए जाते हैं।

हालांकि, बाल आधार को सामान्य आधार से अलग करने के लिए इसे नीले रंग में जारी किया जाता है, इस टिप्पणी के साथ कि यह तब तक वैध है जब तक कि बच्चा पांच वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता। बता दें कि पांच वर्ष की आयु प्राप्त करने पर, बच्चे को अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आधार सेवा केंद्र पर अपना बायोमेट्रिक्स पेश करना आवश्यक है।

बाल आधार कार्ड का उद्देश्य
गौरतलब है कि आधार कार्ड देश के नागरिको के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है । इसका उपयोग कई प्रकार के कार्यों में किया जाता है। अब केंद्र और राज्य की कई सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ लेने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। इसके साथ बैंकों में भी इसके बिना कोई काम नहीं होता है। अब सरकार ने बच्चो के लिए बाल आधार कार्ड बनवाने का आदेश दिया है । देश के लोगों को इस योजना के तहत पांच साल या उससे कम उम्र में बच्चों का बाल आधार कार्ड बनवाना होगा । इस योजना के जरिये बच्चों को भी सरकार की योजनाओं और सेवाओं का लाभ दिया जाएगा । इसके जरिये बच्चों का स्कूलो में एडमिशन करवाने में भी आसानी होगी।

बाल आधार के मुख्य तथ्य

  • बाल आधार बन जाने के बाद उसे दो बार अपडेट कराना अनिवार्य होता है। यह अपडेट पांच साल और 15 साल की उम्र के बाद कराया जाता है।
  • Baal Aadhaar में माता पिता के दस्तावेज इसलिए लगाए जाते हैं क्योंकि छोटे शिशुओं का बायोमेट्रिक विकसित नहीं हो पाते हैं। इसलिए बच्चों के बायोमेट्रिक और आइरिस स्कैन इसमें शामिल नहीं किया जाता। लिहाजा बाल आधार बनाने कि लिए माता या पिता के दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है।
  • स्कूल में दाखिले के लिए बाल आधार का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अगर आपको Baal Aadhaar से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए हो तो आप हेल्पलाइन नंबर 1947 पर कॉल कर सकते है।


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